Firaq Gorakhpuri Shayari: Firaq Gorkhuri ji was a very influential poet of India. Read here some very special poetry in Hindi by Firaq Gorakhpuri, which you will definitely like.
Firaq Gorakhpuri Shayari
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं.!
रफ्ता रफ्ता गैर अपनी ही नज़र में हो गए
वाह-री गफलत तुझे अपना समझ बैठे थे हम.!
कर पाओ तो कर लेना कीही हमारी सादगी से
क्योंकि सूरत कुछ खास नहीं हमारी ।,
ये माना जिंदगी है चार दिन की
बहुत होते हैं यारों चार दिन भी।
रात भी नींद भी कहानी भी
हाय क्या चीज़ है जवानी भी..।
खामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप है पर, कहने को है हजार बातें…!
सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई
देखूँ तो एक शख़्स भी मेरा नहीं हुआ.!
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं !
मुझ से मत पूछो के उस शख़्स में क्या अच्छा है
अच्छे अच्छों से मुझे मेरा बुरा अच्छा है।
बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ जिन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं.
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